राष्ट्रीय विद्यालय नेतृत्व केन्द्र
राष्ट्रीय विद्यालय नेतृत्व केन्द्र (एन.सी.एस.एल) की स्थापना २०१२ में राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन संस्थान (एन.आई.ई.पी.ए) या नीपा में की गई थी | विद्यालय रूपान्तरण को मुख्य उद्देश्य के रूप में लेकर, एन.सी.एस.एल, नीपा पूरे देश के ६५०० ब्लॉक, ६७९ जिलों एवं ३६ राज्यों एवं केन्द्र शासित राज्यों में विद्यालयों से संबंधित समस्याओं/मुद्दों एवं नेतृत्व की आवश्यकताओं को संबोधित करने के लिए कार्य कर रहा है। केन्द्र की मुख्यतः सभी गतिविधियां विद्यालयों के विविध परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए बनाई गयी हैं | यह केन्द्र, विद्यालयी नेतृत्व के विभिन्न मॉडलस को विकसित करने हेतु भी कार्यरत है।
केन्द्र का उद्देश्य है यह सुनिश्चित करना कि देश के प्रत्येक विद्यालय तक पहुंच बनें व "हर बच्चा सीखे, हर विद्यालय उत्कृष्ट हो"| इस मिशन को प्राप्त करने हेतु, केन्द्र ने चार घटकों के माध्यम से विद्यालय नेतृत्व विकास की रुपरेखा बनाई है। ये चार घटक हैं-पाठ्यचर्या एवं सामग्री विकास, क्षमता विकास, नेटवर्क और संस्थानिक निर्माण व शोध एवं विकास।
केन्द्र ने नेतृत्व विकास की रूपरेखा इस प्रकार बनाई है जिसके द्वारा विद्यालय प्रमुखों व व्यवस्था प्रशासकों के दीर्घकालीन विकास एवं सतत संलग्नता को सुनिश्चित किया जा सके | भारत में पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर विद्यालय नेतृत्व विकास हेतु एक राष्ट्रीय कार्यक्रम की रूपरेखा एवं पाठ्यचर्या का ढांचा बनाया गया है। सम्पूर्ण कार्यक्रम एक अभ्यास केन्द्रित पाठ्यचर्या पर आधारित है जो राज्यों एवं उनमें निहित विविधताओं के संदर्भ में विद्यालय संबंधी मुद्दों एवं आवश्यकताओं पर केन्द्रित है। पाठ्यचर्या की रूपरेखा के अन्तर्गत विद्यालय नेतृत्व विकास पर एक हस्तपुस्तिका भी निर्मित की गई है जो विद्यालय प्रमुखों के लिए एक बहुमूल्य संसाधन एवं सन्दर्भ सामग्री के रूप में प्रस्तुत है | इस हस्तपुस्तिका के द्वारा विद्यालय प्रमुख वर्तमान व भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हो पाएंगे |