भारत ने विद्यालयों में, सुविधाएं प्रदान करने, पहुँच को बढ़ाने व छात्रों के ठहराव को सुनिश्चित करने में काफी प्रगति की है | फिर भी, इन प्रयासों से अधिगम प्रतिफलों में सुधार नहीं आया है | छात्र अधिगम के निचले स्तर पर भी अधिक असमानता पाई जाती है | अत: नीतियों द्वारा हस्तक्षेप का मुख्य केंद्र बिंदु विद्यालयी शिक्षा से हटकर अधिगम की प्राथमिकताओं पर केंद्रित हुआ है | यह भी पाया गया है कि समान संसाधनों वाले विद्यालयों के अधिगम प्रतिफल असमान हैं | इस कथन से यह पता चलता है कि अधिगम प्रतिफल का निम्न स्तर का एक मुख्य कारण प्रभावी विद्यालय प्रबन्धन का अभाव है | प्रभावी विद्यालय नेतृत्व, संसाधन प्रयोग की दक्षता में तथा शिक्षण की गुणवत्ता में सुधार लाता है एवं शिक्षार्थी की उपलब्धि में वृद्धि करता है |
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के आग्रह पर नीपा ने 'राष्ट्रीय विद्यालय नेतृत्व केन्द्र' (एन.सी.एस.एल) की स्थापना की जिसका मुख्य उद्देश्य है "हर बच्चा सीखे, हर विद्यालय उत्कृष्ट हो" | भारत में विद्यालय नेतृत्वकर्ताओं की एक नई पीढ़ी का विकास करने के लिये एन.सी.एस.एल ने विद्यालय नेतृत्व विकास हेतु एक राष्ट्रीय कार्यक्रम की रुपरेखा एवं पाठ्यचर्या के ढांचे का निर्माण किया | परिकल्पना की जाती है कि विद्यालय नेतृत्व विकास कार्यक्रम, विद्यालय प्रमुखों को उनके विद्यालयों को 'उत्कृष्टता के केन्द्रों' रूपान्तरित करने में सहायक होगा | पांच वर्ष की लघु अवधि में केन्द्र ने विद्यालय शिक्षा के सभी स्तरों के विद्यालय प्रमुखों को ध्यान में रखते हुए, विशेष फेस टू फेस विद्यालय नेतृत्व विकास कार्यक्रम को विकसित किया है | इसके साथ ही देश के प्रत्येक विद्यालय तक अपनी पहुँच को बढ़ाने के लिये केन्द्र ने विद्यालय नेतृत्व एवं प्रबन्धन पर एक ऑन-लाइन कार्यक्रम को सफलता पूर्वक विकसित किया | ऑन-लाइन कार्यक्रम मूडल (moodle)प्लेटफ़ॉर्म द्वारा संचालित है एवं विद्यालय नेतृत्व विकास की पाठ्यचर्या पर आधारित है | इस कार्यक्रम को चार खंडों के अन्तर्गत तैयार किया गया है : (i) ई-विषयवस्तु-पठन-सामग्री अथवा माड्यूल के रूप में (ii)पावर प्वाइंट प्रस्तुति, केस स्टडीज, श्रव्य-दृष्य एवं अन्य कई प्रकार के संसाधनों से बनी सन्दर्भ पठन सामग्री (iii) अभ्यास क्रियाओं एवं गतिविधियों सहित स्व-अधिगम सामग्री एवं (iv) बहु-विकल्पीय प्रश्नों, नियत कार्यों,अभ्यास क्रियाओं, वाद-विवाद मंच एवं पोर्टफोलियों द्वारा आँकलन |
मैं, एन.सी.एस.एल के दल को प्रभावी विद्यालय नेतृत्व विकास कार्यक्रम को विकसित करने हेतु व डिजिटल पहल के लिए, बधाई देता हूँ | इस कार्यक्रम से निस्संदेह ही विद्यालयों को ज्ञान एवं उत्कृष्ठता के केन्द्रों में रूपान्तरित करने व संस्थागत प्रदर्शनों को सुधारने की ओर विद्यालय प्रमुखों के प्रयासों को मार्गदर्शन मिलेगा |
प्रो.एन.वी वर्गीज